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अरमान

लेखक की तस्वीर: अर्चना श्रीवास्तवअर्चना श्रीवास्तव


ज़िन्दगी है छोटी

अरमान हैं बड़े

पूरे करूं भी तो कैसे |


ये बढ़ती हुई मन की रोशनी

ये ढलती हुई सांझ

समय को पकड़ कर रक्खूँ भी तो कैसे ।


ये बढ़ते हुए कर्तव्य

ये जुड़े हुए सम्बन्ध

ये छूटती हुई जीवन की डोर

पकड़कर रक्खूँ भी तो कैसे |


ये मन का विश्वास

कि आने वाली पीढ़ी के लिए

कुछ कर के जाऊँ

लेकिन करूँ भी तो कैसे ।

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