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अर्चना श्रीवास्तव
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मुखर-मौन – श्री हीरालाल अमृत पुत्र का भावपूर्ण काव्य संग्रह
‘मुखर-मौन’ श्री हीरालाल अमृत पुत्र का अद्वितीय काव्य-संग्रह है, जिसमें प्रेम, मातृत्व, देशभक्ति और आत्मिक ऊर्जा की झलक मिलती है। उनकी कविताएं भावों की गहराई में उतरती हैं और पाठक के मन को छू जाती हैं। संग्रह में “भावी बहु के प्रति” जैसी रचनाएं आत्मीयता से भरपूर हैं। यह पुस्तक पाठकों को न केवल संवेदना प्रदान करती है, बल्कि उन्हें सत्कर्म व देशप्रेम की ओर प्रेरित भी करती है।

अर्चना श्रीवास्तव
12 अप्रैल2 मिनट पठन
14 दृश्य
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क्या लिखूं मैं
क्या लिखूं मैं? एक सवाल जो समाज की हर परत को छूता है—दर्द, भेदभाव, गरीबी और इंसानियत की गूंजती पुकार।

अर्चना श्रीवास्तव
11 अप्रैल1 मिनट पठन
22 दृश्य
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अरमान
ज़िन्दगी है छोटी अरमान हैं बड़े पूरे करूं भी तो कैसे | ये बढ़ती हुई मन की रोशनी ये ढलती हुई सांझ समय को पकड़ कर रक्खूँ भी तो कैसे । ये...

अर्चना श्रीवास्तव
9 फ़र॰1 मिनट पठन
28 दृश्य
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